Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता...........वो लड़की
Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता
वो लड़की
बागों में गुमसुम सा माहौल क्यों है
फूलों में और भंवरों में अनबन क्यों हैं
जाने किस के इंतजर में दिल मेरे गुम है
वो परी वो हुर ज़ीसक कायल हु में
उस की खूबसूरती का आशिक हूं मैं
दीवाना दीवाना लोग कहते हैं फिर
भी उसका परवाना हु मैं
कुछ पल का साथ नहीं है जन्मों का नाता है
दिल के बातो को इस तरह बयां किया
गाने लगा मन नाचने लगे कदम
चुलबुलापण तेरा मन को भाहे
चुलबुलापण तेरा मन को भाहे
तेरी सादगीपन दिल को लुभाये वो लड़की तू
है जिस गली में मेरा घर और तेरा आखरी घर st
by Sanjay Teli
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