Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता......उल्ज़ी बातें
Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता
मुझे कभी किनारा ना मीला हम सागर में बहते रहे
इस उमीद में कोई तो मीलेगा और लेगा मुझे उस पर
घबराता है दिल कही अधूरा न बह जाये अरमान
अरमानो का भी वज़ूद होता है
इसी में तो थोड़ा अपना जहाँ होता है,
लंबी दूरी हमने तय करली प्यार की कहानी रंगली
अब बेचेनी कम हुई ,तुम से यैसी दिल्लगी हुई मन्ज़िल मिली
प्यास ना मै ना तरसा, तुम से जुड़ कार हरपल बेफीकार
प्यार के हरपल संग ,
तुम हम से हम तुम से जेसे साँसों की डोर
हम रहे तुम्हें खोजते पास होकर भी
कहा है वो मेरा सपना जो में देखता था अपना समझकर
कहा है वो लोग ज़िसे में कहता था मेरे अपने
मिलजाएँगे मेरे साथ साथ चलने वाले, उल्ज़ी बातें सुल्ज़येगी.st
by Sanjay Teli
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