Hindi poem, Hindi kavita,हिंदी कविता.........तुझे नाम क्या दें


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   तुझे नाम क्या दें



तेरी चाहत राज ना आई  मैं हरजाई या 

        तूने की बेवफाई,  तूने की बेवफाई          
 
लगते जिगर था तू मेरा क्यों मेरा दिल तूने तोड़ा

        ऐसा मौसम आया है काटो भरा दामन लाय

  हर पल साथ रहने का ढूंढ रहे थे  बहाना

      आज कल तुम तो आसपस भी नजर नाही आते

बड़े चाह से हमने दिल तुमसे को  जोड़ा था

    बस टूटा फूटा खिलौना समझकर तुमने उसे तोड दिया

 और हम साथ साथ कितने दिन तक चल सकेंगे क्या  

धीरे-धीरे  हाथों से हाथ छुटने  लगेंगे

अब  हम चुप चुप के आंसू बहाते नहीं

 हम जानते थे जिंदगी की ऐसे भी रवानी होती हैं

             तेरे चाहत हमें राज़ ना आई..........by Sanjay Teli

                                    
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